शनिवार, 8 सितंबर 2018

विश्व फलक पर हिंदी के नए आयाम पर राष्ट्रीय परिसंवाद और सिने गीतकार अभिलाष को विश्व हिंदी सेवा सम्मान

विश्व फलक पर हिंदी के नए आयाम पर राष्ट्रीय परिसंवाद
 सिने गीतकार अभिलाष को विश्व हिंदी सेवा सम्मान

मालवा रंगमंच समिति  द्वारा हिंदी पखवाड़े के अवसर पर 22 वें अखिल भारतीय हिंदी सेवा सम्मान एवं दो दिवसीय राष्ट्रीय परिसंवाद के पहले दिन सुप्रसिद्ध सिने गीतकार अभिलाष (इतनी शक्ति हमें देना दाता, मन का विश्वास कमजोर हो ना) को विश्व हिंदी सेवा सम्मान से सम्मानित किया गया। इस कार्यक्रम में उनका सम्मान विक्रम विश्वविद्यालय के कुलानुशासक प्रो शैलेंद्रकुमार शर्मा, समाजशास्त्री प्रो शैलेंद्र पाराशर, व्यंग्यकार डॉ पिलकेन्द्र अरोरा, वरिष्ठ पत्रकार श्री नरेंद्र सिंह अकेला, संस्थाध्यक्ष श्री केशव राय ने किया।


विश्व फलक पर हिंदी के नए आयाम पर केंद्रित राष्ट्रीय परिसंवाद अतिथियों ने विचार व्यक्त किए। श्री अभिलाष ने सैकड़ों फिल्मों में बारह सौ से अधिक गीत रचे हैं। अंकुश, सावन को आने दो जैसी अनेक लोकप्रिय फिल्मों में समाहित उनके गीतों को देश-दुनिया में बहुत गाया-गुनगुनाया जाता है। विश्व प्रसिद्ध गीत 'इतनी शक्ति हमें देना दाता' के लिए अभिलाषजी तत्कालीन  राष्ट्रपति ज्ञानी जैल सिंह द्वारा नेशनल अवार्ड मिल चुका है। इस गीत को देश के सैंकड़ों विद्यालयों में प्रार्थनास्वरूप गाया जाता है। इतनी शक्ति हमें देना दाता के अलावा अभिलाषजी के लिखे साँझ भई घर आजा (लता), आज की रात न जा (लता), वो जो ख़त मुहब्बत में (उषा), तुम्हारी याद के सागर में (उषा), संसार है इक नदिया (मुकेश), तेरे बिन सूना मेरे मन का मंदिर (येसुदास) आदि सिने गीत भी लोकप्रिय हुए।  सिने गीतों पर उनसे हुई चर्चा यादगार रहेगी।
सिने जगत के मीडिया परामर्शक श्री केशव राय Keshav Rai ने यह यादगार अवसर जुटाया था। उनकी ओर से समारोह रपट -
मालवा रंगमंच समिति द्वारा  राष्ट्रीय हिंदी सेवा सम्मान 2018 और परिसंवाद आयोजित किया गया। समारोह में प्रख्यात सिने गीतकार श्री  अभिलाष को  सम्मानित  किया गया। कार्यक्रम के अतिथि विक्रम विश्वविद्यालय, उज्जैन के कुलानुशासक प्रो शैलेन्द्रकुमार शर्मा, समाज चिन्तक प्रो शैलेन्द्र पाराशर, वरिष्ठ पत्रकार श्री नरेंद्र सिंह अकेला, व्यंग्यकार डॉ पिलकेंद्र अरोरा, मालवा रंगमंच समिति के संस्थापक अध्यक्ष श्री केशव राय आदि ने अभिलाष जी को सम्मान पत्र, प्रतीक चिह्न अर्पित कर उनका आत्मीय  सम्मान किया। सिने गीतकार अभिलाष जी ने अपने संबोधन में कहा कि हिन्दी सिनेमा के गीतों के माध्यम से उनकी पहचान दूर देशों तक पहुंची है। इतनी शक्ति हमें देना दाता गीत दुनिया की कई भाषाओं में अनूदित हुआ।

प्रो शैलेंद्रकुमार शर्मा 

गीतकार अभिलाष










प्रो शैलेन्द्रकुमार शर्मा ने अपने उद्बोधन में कहा कि हिंदी को विश्व भाषा बनाने में सौ से अधिक देशों में बसे तीन करोड़ से ज्यादा भारतवंशियों की अहम भूमिका है। इसी तरह हिंदी फिल्मों और उनके गीतों ने महत्त्वपूर्ण योगदान दिया है। विदेशों में बसे भारतीयों के लिए हिन्दी महज सम्प्रेषण की भाषा नहीं, अपनी संस्कृति, अपने जीवन का पर्याय है।
प्रो शैलेंद्र पाराशर ने हिंदी से जुड़े विभिन्न पहलुओं पर प्रकाश डाला। श्री नरेंद्र सिंह अकेला, डॉ पिलकेन्द्र अरोरा आदि  ने भी विचार व्यक्त किये । 1 सितम्बर को आयोजित समारोह के प्रारम्भ में स्वागत वक्तव्य  संस्थाध्यक्ष श्री केशव राय ने दिया। सम्मान पत्र का वाचन  श्री महेश शर्मा अनुराग ने किया। अतिथि स्वागत श्री राजेश राय, श्री महेश शर्मा अनुराग, श्री प्रमोद राय,श्री ऋषि राय, श्री हर्षवर्धन लाड़, श्री  प्रकाश बांठिया  आदि ने किया। श्री अभिलाष जी  के लोकप्रिय गीत इतनी शक्ति हमें देना दाता पर आधारित कथक शैली में मनोरम नृत्य की प्रस्तुति प्रतिभा रघुवंशी के निर्देशन में नई पीढ़ी के कलाकारों ने दी। संचालन कवि श्री दिनेश दिग्गज और आभार श्री प्रकाश बांठिया ने माना ।

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